छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya,)

गीत का सार :

यह गीत छठ पूजा की उस पवित्र भावना को दर्शाता है, जिसमें एक स्त्री अपने पूरे समर्पण और भक्ति के साथ छठी मईया की पूजा के लिए तैयारी कर रही है। गीत में “कांच ही बांस के बहंगिया” का जिक्र है , यह बहंगी (लकड़ी की डंडी) बांस से बनी होती है, जिसके दोनों ओर पूजा का सामान रखा जाता है। जब वह महिला बहंगी लेकर घाट की ओर जाती है, तो उसकी चाल में भक्ति की लय और आस्था की झलक दिखाई देती है, “बहंगी लचकत जाय” यानी भक्ति से भरी चाल झूमती जाती है।

रास्ते में एक राहगीर (बटोहिया) उससे पूछता है कि यह बहंगी किसके लिए ले जा रही हो? वह भक्तिन गर्व और श्रद्धा से जवाब देती है, “बहंगी छठी मईया के जाय”, यानी यह पूजा की बहंगी छठी मईया के लिए है। यह पंक्ति पूरे गीत का भाव केंद्र है, इसमें भक्त का समर्पण, निष्ठा और अपनी आराध्या के प्रति प्रेम झलकता है।

गीत में यह भी कहा गया है कि पति या देवर चाहे बहंगी उठाकर घाट तक न ले जाएँ, फिर भी वह स्त्री स्वयं अपने बल और विश्वास से बहंगी उठाकर नदी किनारे पहुँचेगी, क्योंकि उसके भीतर छठी मईया के प्रति अटूट आस्था है। यह गीत सिर्फ एक भक्ति भजन नहीं, बल्कि नारी की शक्ति, श्रद्धा और आत्मबल का प्रतीक है। यह दिखाता है कि जब मन में माँ छठी मईया की भक्ति होती है, तो कोई कठिनाई बड़ी नहीं लगती। भक्ति की यह यात्रा सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि माँ और भक्त के पवित्र रिश्ते की सुंदर अभिव्यक्ति है।

कांच ही बांस के बहंगिया – गीत

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
होई ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाय
बहंगी घाटे पहुंचाय

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय

बाट जे पूछेला बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाय
बहंगी केकरा के जाय
तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाय
बहंगी छठ मैया के जाय
ओहरे जे बारी छठि मैया,
बहंगी उनका के जाय
बहंगी उनका के जाय

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
होई ना देवर जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाय
बहंगी घाटे पहुंचाय
ऊंहवे जे बारि छठि मैया
बहंगी के उनके के जाय
बहंगी उनका के जाय

बाट जे पूछेला बटोहिया
बहंगी केकरा के जाय
बहंगी केकरा के जाय
तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया
बहंगी छठ मैया के जाय
बहंगी छठ मैया के जाय
ऊंहवे जे बारी छठि मैया
बहंगी उनका के जाय
बहंगी उनका के जाय

Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya Lyrics

Kaanch hi baans ke bahangiya,
Bahangi lachakat jaay,
Bahangi lachakat jaay.
Hoi na Balam ji kehriya,
Bahangi ghaate pahunchay,
Bahangi ghaate pahunchay.

Kaanch hi baans ke bahangiya,
Bahangi lachakat jaay,
Bahangi lachakat jaay.

Baat je poochela batohiya,
Bahangi kekra ke jaay,
Bahangi kekra ke jaay.
Tu to aanhar howe re batohiya,
Bahangi Chhath Maiya ke jaay,
Bahangi Chhath Maiya ke jaay.

Ohre je baari Chhathi Maiya,
Bahangi unka ke jaay,
Bahangi unka ke jaay.

Kaanch hi baans ke bahangiya,
Bahangi lachakat jaay,
Bahangi lachakat jaay.
Hoi na Devar ji kehriya,
Bahangi ghaate pahunchay,
Bahangi ghaate pahunchay.

Unhve je baari Chhathi Maiya,
Bahangi unke ke jaay,
Bahangi unka ke jaay.

Baat je poochela batohiya,
Bahangi kekra ke jaay,
Bahangi kekra ke jaay.
Tu to aanhar howe re batohiya,
Bahangi Chhath Maiya ke jaay,
Bahangi Chhath Maiya ke jaay.

Unhve je baari Chhathi Maiya,
Bahangi unka ke jaay,
Bahangi unka ke jaay.

प्रसिद्ध “ कांच ही बांस के बहंगिया ” – वीडियो :

आशा है कि यह छठ पूजा का पारंपरिक गीत आपके मन में भक्ति और श्रद्धा की भावना जगा गया होगा। इस भजन में माँ छठी मईया के प्रति अटूट आस्था, नारी की शक्ति और परिवार के सुख-समृद्धि की सच्ची कामना झलकती है। अगर आपको यह भजन और इसका सार पसंद आया हो, तो अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। इसे अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि छठी मईया की महिमा और इस पावन पर्व का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके।

जय छठी मईया! जय सूर्यदेव! 🌅🙏

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