लक्ष्मी जी के 108 नामों का महत्व (Significance of 108 Names of Goddess Lakshmi)
हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि, सौभाग्य और सुख की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। कहा जाता है कि जो भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ माता लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करता है, उसके जीवन से दरिद्रता, दुर्भाग्य और आर्थिक कष्ट दूर हो जाते हैं।
संख्या 108 का विशेष आध्यात्मिक महत्व है — यह संख्या ब्रह्मांड, ग्रहों और मानव जीवन की ऊर्जा से जुड़ी मानी जाती है। जैसे 108 उपनिषद, 108 तीर्थ, और 108 मणियों की माला — यह संख्या पूर्णता और संतुलन का प्रतीक है। इसलिए माता लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करना ईश्वर से जुड़ने का सर्वोत्तम माध्यम माना गया है।
लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप कब करें? (Best Time to Chant 108 Names of Goddess Lakshmi)
- शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे शुभ माना गया है।
- प्रत्येक अमावस्या (नई चंद्र तिथि) और पूर्णिमा (पूर्ण चंद्र तिथि) के दिन भी जाप करना अत्यंत फलदायी होता है।
- दीपावली, धनतेरस, या कोजागरी पूर्णिमा के दिन यदि 108 नामों का जाप किया जाए, तो घर में धन, शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
- सुबह प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त (4 बजे से 6 बजे के बीच) का समय सबसे उत्तम माना जाता है।
- पूजा के समय कमल के फूल, घी का दीपक, और चांदी या तांबे के बर्तन में जल रखें — इससे साधना अधिक प्रभावशाली होती है।
पुराणों के अनुसार लक्ष्मी जी के नामों की महिमा (Mahima as per the Puranas)
पुराणों में बताया गया है कि लक्ष्मी जी के 108 नामों का स्मरण स्वयं भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के समान है।
पद्म पुराण और लक्ष्मी तंत्र में उल्लेख मिलता है कि —
“जो भक्त प्रतिदिन श्रद्धा से लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र का पाठ करता है, उसके घर में कभी धन की कमी नहीं होती।”
गरुड़ पुराण में भी कहा गया है कि माता लक्ष्मी का नामजप मनुष्य के भीतर से नकारात्मक ऊर्जा, भय और दरिद्रता को दूर करता है।
इन नामों में माता के विविध स्वरूपों का वर्णन है — जैसे श्री, कमला, पद्मा, हरिप्रिया, धनदा, सिद्धि, जय, और शांति — जो जीवन के सभी क्षेत्रों में सौभाग्य और संतुलन लाते हैं।
लक्ष्मी जी के 108 नाम जप के लाभ (Benefits of Chanting 108 Names of Lakshmi)
- घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
- परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है।
- नकारात्मक ऊर्जा, अशुभ ग्रह, और दरिद्रता का नाश होता है।
- व्यवसाय और नौकरी में उन्नति के योग बनते हैं।
- मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है।
जाप विधि (How to Chant Lakshmi’s 108 Names Properly)
- पूजा स्थल को साफ रखें और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
- लाल या गुलाबी आसन पर बैठकर 108 मणियों की माला से जाप करें।
- “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र से आरंभ करें।
- हर नाम का उच्चारण ध्यानपूर्वक और भावनापूर्वक करें।
- जाप के अंत में “श्री महालक्ष्म्यै नमः” का 11 बार उच्चारण करें।
यहाँ लक्ष्मी जी के 108 नाम और उनके मंत्रों की सूची प्रस्तुत है।
108 Names of Goddess Lakshmi – देवी लक्ष्मी की अष्टोत्तर शतनामावली
| क्रमांक | नाम (संस्कृत) | मंत्र | Mantra in English | अर्थ |
| १ | प्रकृति | ॐ प्रकृत्यै नमः। | Om Prakrityai Namah। | जो स्वयं प्रकृति स्वरूपा हैं |
| २ | विकृति | ॐ विकृत्यै नमः। | Om Vikrityai Namah। | जिन्हें हम विभिन्न नामों या रूपों से जानते हैं |
| ३ | विद्या | ॐ विद्यायै नमः। | Om Vidyayai Namah। | जो समस्त प्रकार की विद्याओं में विद्यमान हैं |
| ४ | सर्वभूतहितप्रदा | ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः। | Om Sarvabhutahitapradayai Namah। | जो संसार के समस्त सुखों को प्रदान करती हैं |
| ५ | श्रद्धा | ॐ श्रद्धायै नमः। | Om Shraddhayai Namah। | जिन्हें केवल सच्ची श्रद्धा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है |
| ६ | विभूति | ॐ विभूत्यै नमः। | Om Vibhutyai Namah। | जो अपने भक्तों को धन-सम्पदा प्रदान करती हैं |
| ७ | सुरभि | ॐ सुरभ्यै नमः। | Om Surabhyai Namah। | जो सर्वोच्च देवी हैं और त्रिमूर्ति भी जिनकी आराधना करते हैं |
| ८ | परमात्मिका | ॐ परमात्मिकायै नमः। | Om Paramatmikayai Namah। | जो तीनों लोकों की आराध्य देवी हैं |
| ९ | वाक् | ॐ वाचे नमः। | Om Vache Namah। | जिनकी वाणी अमृत तुल्य है |
| १० | पद्मालया | ॐ पद्मालयायै नमः। | Om Padmalayayai Namah। | जो कमल पुष्प के आसन पर विराजमान हैं |
| ११ | पद्मा | ॐ पद्मायै नमः। | Om Padmayai Namah। | जो कमल वर्ण वाली हैं |
| १२ | शुचि | ॐ शुचये नमः। | Om Shuchaye Namah। | जो स्वयं पवित्र हैं |
| १३ | स्वाहा | ॐ स्वाहायै नमः। | Om Svahayai Namah। | जो स्वयं आहुतिस्वरूपा हैं |
| १४ | स्वधा | ॐ स्वधायै नमः। | Om Svadhayai Namah। | जो स्वधा देवी के रूप में स्थित हैं |
| १५ | सुधा | ॐ सुधायै नमः। | Om Sudhayai Namah। | जो स्वयं अमृत के रूप में विद्यमान हैं |
| १६ | धन्या | ॐ धन्यायै नमः। | Om Dhanyayai Namah। | जो कृतज्ञता का मूर्त रूप हैं |
| १७ | हिरण्मयी | ॐ हिरण्मय्यै नमः। | Om Hiranmayyai Namah। | जिनकी आभा स्वर्ण के समान तेजपूर्ण है |
| १८ | लक्ष्मी | ॐ लक्ष्म्यै नमः। | Om Lakshmyai Namah। | जो धन-ऐश्वर्य प्रदान करती हैं |
| १९ | नित्यपुष्टा | ॐ नित्यपुष्टायै नमः। | Om Nityapushtayai Namah। | जो निरन्तर पुष्ट (शक्तिशाली) होती रहती हैं |
| २० | विभावरी | ॐ विभावर्यै नमः। | Om Vibhavaryai Namah। | जो अत्यन्त सुन्दर हैं एवं अनन्त तेज को धारण करने वाली हैं |
| २१ | अदिति | ॐ अदित्यै नमः। | Om Adityai Namah। | जिनकी कान्ति सूर्य के समान है |
| २२ | दिति | ॐ दित्यै नमः। | Om Dityai Namah। | जो भक्तों की प्रार्थना का उत्तर हैं |
| २३ | दीपा | ॐ दीपायै नमः। | Om Dipayai Namah। | जिनका तेज सहस्र सूर्यों के समान है |
| २४ | वसुधा | ॐ वसुधायै नमः। | Om Vasudhayai Namah। | जो भूमिदेवी के रूप में भक्तों का कल्याण करती हैं |
| २५ | वसुधारिणी | ॐ वसुधारिण्यै नमः। | Om Vasudharinyai Namah। | जो सम्पूर्ण पृथ्वी का भार धारण करती हैं |
| २६ | कमला | ॐ कमलायै नमः। | Om Kamalayai Namah। | जो कमला पुष्प से प्रकट होने वाली देवी हैं |
| २७ | कान्ता | ॐ कान्तायै नमः। | Om Kantayai Namah। | जो भगवान श्री विष्णु की अर्धांगिनी हैं |
| २८ | कामाक्षी | ॐ कामाक्ष्यै नमः। | Om Kamakshyai Namah। | जिनके नेत्र अत्यधिक आकर्षक एवं दिव्य हैं |
| २९ | क्षीरोधसम्भवा | ॐ क्षीरोधसम्भवायै नमः। | Om Kshirodhasambhavayai Namah। | जो भगवान विष्णु के साथ क्षीरसागर में निवास करती हैं |
| ३० | अनुग्रहप्रदा | ॐ अनुग्रहप्रदायै नमः। | Om Anugrahapradayai Namah। | जो नाना प्रकार के सुख प्रदान करती हैं |
| ३१ | बुद्धि | ॐ बुद्धये नमः। | Om Buddhaye Namah। | जो स्वयं बुद्धिस्वरूपा हैं |
| ३२ | अनघा | ॐ अनघायै नमः। | Om Anaghayai Namah। | जो निष्पाप हैं |
| ३३ | हरिवल्लभा | ॐ हरिवल्लभायै नमः। | Om Harivallabhayai Namah। | जो भगवान श्री हरि की धर्मपत्नी हैं |
| ३४ | अशोका | ॐ अशोकायै नमः। | Om Ashokayai Namah। | जो दुःख का नाश करती हैं |
| ३५ | अमृता | ॐ अमृतायै नमः। | Om Amritayai Namah। | जो अमृत का मूल तत्त्व हैं एवं जो सागरमन्थन से अमृत के साथ प्रकट हुई थीं |
| ३६ | दीप्ता | ॐ दीप्तायै नमः। | Om Diptayai Namah। | जो सदैव दीप्तिमान रहती हैं |
| ३७ | लोकशोकविनाशिनी | ॐ लोकशोकविनाशिन्यै नमः। | Om Lokashokavinashinyai Namah। | जो समस्त सृष्टि की पीड़ा का शमन करती हैं |
| ३८ | धर्मनिलया | ॐ धर्मनिलयायै नमः। | Om Dharmanilayayai Namah। | जो धर्म की स्थापना करने वाली हैं |
| ३९ | करुणा | ॐ करुणायै नमः। | Om Karunayai Namah। | जो दया एवं करुणा का सागर हैं |
| ४० | लोकमाता | ॐ लोकमात्रे नमः। | Om Lokamatre Namah। | जो सम्पूर्ण जगत की माता हैं |
| ४१ | पद्मप्रिया | ॐ पद्मप्रियायै नमः। | Om Padmapriyayai Namah। | जिन्हें कमल पुष्प अति प्रिय हैं |
| ४२ | पद्महस्ता | ॐ पद्महस्तायै नमः। | Om Padmahastayai Namah। | जिनके हाथ कमल पुष्प के समान हैं |
| ४३ | पद्माक्षी | ॐ पद्माक्ष्यै नमः। | Om Padmakshyai Namah। | जिनके नेत्र कमल के समान हैं |
| ४४ | पद्मसुन्दरी | ॐ पद्मसुन्दर्यै नमः। | Om Padmasundaryai Namah। | जो कमल पुष्प की भाँति सुन्दर हैं |
| ४५ | पद्मोद्भवा | ॐ पद्मोद्भवायै नमः। | Om Padmodbhavayai Namah। | जो कमल पुष्प से प्रकट होती हैं |
| ४६ | पद्ममुखी | ॐ पद्ममुख्यै नमः। | Om Padmamukhyai Namah। | जिनका मुख कमल के समान है |
| ४७ | पद्मनाभप्रिया | ॐ पद्मनाभप्रियायै नमः। | Om Padmanabhapriyayai Namah। | जो पद्मनाभ (भगवान विष्णु) की प्रियतमा हैं |
| ४८ | रमा | ॐ रमायै नमः। | Om Ramayai Namah। | जो भगवान विष्णु को प्रसन्न रखती हैं |
| ४९ | पद्ममालाधरा | ॐ पद्ममालाधरायै नमः। | Om Padmamaladharayai Namah। | जो कमल पुष्पों की माला धारण करती हैं |
| ५० | देवी | ॐ देव्यै नमः। | Om Devyai Namah। | जो सर्वशक्तिशाली हैं |
| ५१ | पद्मिनी | ॐ पद्मिन्यै नमः। | Om Padminyai Namah। | जो क्षीरसागर में कमल पुष्प से प्रकट होने वाली देवी हैं |
| ५२ | पद्मगन्धिनी | ॐ पद्मगन्धिन्यै नमः। | Om Padmagandhinyai Namah। | जिनकी कमल पुष्प के समान सुगन्ध है |
| ५३ | पुण्यगन्धा | ॐ पुण्यगन्धायै नमः। | Om Punyagandhayai Namah। | जो दैवीय सुगन्ध वाली हैं |
| ५४ | सुप्रसन्ना | ॐ सुप्रसन्नायै नमः। | Om Suprasannayai Namah। | जो सदैव प्रसन्न एवं आनन्दित रहने वाली हैं |
| ५५ | प्रसादाभिमुखी | ॐ प्रसादाभिमुख्यै नमः। | Om Prasadabhimukhyai Namah। | जो सदैव भक्तों को वर प्रदान करने हेतु तत्पर हैं |
| ५६ | प्रभा | ॐ प्रभायै नमः। | Om Prabhayai Namah। | जिनकी कान्ति सहस्रों देदीप्यमान सूर्यों के समान है |
| ५७ | चन्द्रवदना | ॐ चन्द्रवदनायै नमः। | Om Chandravadanayai Namah। | जिनका मुखमण्डल चन्द्रमा के समान है |
| ५८ | चन्द्रा | ॐ चन्द्रायै नमः। | Om Chandrayai Namah। | जो चन्द्र की भाँति शान्त एवं शीतल हैं |
| ५९ | चन्द्रसहोदरी | ॐ चन्द्रसहोदर्यै नमः। | Om Chandrasahodaryai Namah। | जो चन्द्रमा की बहन हैं |
| ६० | चतुर्भुजा | ॐ चतुर्भुजायै नमः। | Om Chaturbhujayai Namah। | जो चार भुजाओं वाली हैं |
| ६१ | चन्द्ररूपा | ॐ चन्द्ररूपायै नमः। | Om Chandrarupayai Namah। | जिनका चन्द्र के समान रूप है |
| ६२ | इन्दिरा | ॐ इन्दिरायै नमः। | Om Indirayai Namah। | जो क्षीरसागर में सूर्य के समान देदीप्यमान हैं |
| ६३ | इन्दुशीतला | ॐ इन्दुशीतलायै नमः। | Om Indushitalayai Namah। | जिनका स्वभाव चन्द्रमा के समान शान्त एवं शीतल है |
| ६४ | आह्लादजननी | ॐ आह्लादजनन्यै नमः। | Om Ahladajananyai Namah। | जो समस्त सृष्टि को आह्लादित करने वाली हैं |
| ६५ | पुष्टि | ॐ पुष्ट्यै नमः। | Om Pushtyai Namah। | जो भक्तों को स्वास्थ्य (आरोग्य) प्रदानकर पुष्ट रखती हैं |
| ६६ | शिवा | ॐ शिवायै नमः। | Om Shivayai Namah। | जो अत्यधिक शुभ हैं |
| ६७ | शिवकरी | ॐ शिवकर्यै नमः। | Om Shivakaryai Namah। | जो सबका मंगल करती हैं |
| ६८ | सत्या | ॐ सत्यायै नमः। | Om Satyayai Namah। | जो परम सत्य हैं |
| ६९ | विमला | ॐ विमलायै नमः। | Om Vimalayai Namah। | जो अत्यन्त शुद्ध हैं |
| ७० | विश्वजननी | ॐ विश्वजनन्यै नमः। | Om Vishvajananyai Namah। | जो सम्पूर्ण चराचर जगत की माता हैं |
| ७१ | तुष्टि | ॐ तुष्ट्यै नमः। | Om Tushtyai Namah। | जो सांख्य दर्शन में कथित नौ तुष्टियों (चार आध्यात्मिक और पाँच बाह्य) की स्वामिनी हैं |
| ७२ | दारिद्र्यनाशिनी | ॐ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः। | Om Daridryanashinyai Namah। | जो दरिद्रता को नष्ट करने वाली हैं |
| ७३ | प्रीतिपुष्करिणी | ॐ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः। | Om Pritipushkarinyai Namah। | जिनके नेत्र सुख प्रदान करने वाले हैं |
| ७४ | शान्ता | ॐ शान्तायै नमः। | Om Shantayai Namah। | जो श्रुतिस्वरूपा हैं |
| ७५ | शुक्लमाल्याम्बरा | ॐ शुक्लमाल्याम्बरायै नमः। | Om Shuklamalyambarayai Namah। | जो श्वेत पुष्पों की माला एवं श्वेत वस्त्र धारण करने वाली हैं |
| ७६ | श्री | ॐ श्रियै नमः। | Om Shriyai Namah। | जो श्री (लक्ष्मी) एवं सौभाग्य प्रदान करती हैं |
| ७७ | भास्करी | ॐ भास्कर्यै नमः। | Om Bhaskaryai Namah। | जो तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाली हैं |
| ७८ | बिल्वनिलया | ॐ बिल्वनिलयायै नमः। | Om Bilvanilayayai Namah। | जो बिल्ववृक्ष में निवास करती हैं |
| ७९ | वरारोहा | ॐ वरारोहायै नमः। | Om Vararohayai Namah। | जो भक्तों को इच्छित वर प्रदान करने हेतु सदैव तत्पर हैं |
| ८० | यशस्विनी | ॐ यशस्विन्यै नमः। | Om Yashasvinyai Namah। | जो सम्पूर्ण सृष्टि में सम्मानीय एवं पूजनीय हैं |
| ८१ | वसुन्धरा | ॐ वसुन्धरायै नमः। | Om Vasundharayai Namah। | जो पृथ्वी की पुत्री हैं |
| ८२ | उदाराङ्गा | ॐ उदाराङ्गायै नमः। | Om Udarangayai Namah। | जो सुन्दर अंगों वाली हैं |
| ८३ | हरिणी | ॐ हरिण्यै नमः। | Om Harinyai Namah। | जो हिरण के समान सुन्दर एवं सौम्य हैं |
| ८४ | हेममालिनी | ॐ हेममालिन्यै नमः। | Om Hemamalinyai Namah। | जो स्वर्ण का हार धारण करती हैं |
| ८५ | धनधान्यकरी | ॐ धनधान्यकर्यै नमः। | Om Dhanadhanyakaryai Namah। | जो धन-धान्य प्रदान करती हैं |
| ८६ | सिद्धि | ॐ सिद्धये नमः। | Om Siddhaye Namah। | जो नाना प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं |
| ८७ | स्त्रैणसौम्या | ॐ स्त्रैणसौम्यायै नमः। | Om Strainasaumyayai Namah। | जो मृदुस्वभाव वाली देवी हैं |
| ८८ | शुभप्रदा | ॐ शुभप्रदायै नमः। | Om Shubhapradayai Namah। | जो शुभफल प्रदान करती हैं |
| ८९ | नृपवेश्मगतानन्दा | ॐ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः। | Om Nripaveshmagatanandayai Namah। | जिन्हें राजसी महल में निवास करना प्रिय है |
| ९० | वरलक्ष्मी | ॐ वरलक्ष्म्यै नमः। | Om Varalakshmyai Namah। | जो सुख-सुविधा प्रदान करती हैं |
| ९१ | वसुप्रदा | ॐ वसुप्रदायै नमः। | Om Vasupradayai Namah। | जो धन-सम्पदा प्रदान करती हैं |
| ९२ | शुभा | ॐ शुभायै नमः। | Om Shubhayai Namah। | जो सफलता एवं सम्पन्नता प्रदान करती हैं |
| ९३ | हिरण्यप्राकारा | ॐ हिरण्यप्राकारायै नमः। | Om Hiranyaprakarayai Namah। | जो स्वर्ण में निवास करती हैं |
| ९४ | समुद्रतनया | ॐ समुद्रतनयायै नमः। | Om Samudratanayayai Namah। | जो क्षीरसागर की प्रिय पुत्री हैं |
| ९५ | जया | ॐ जयायै नमः। | Om Jayayai Namah। | जो विजय की देवी हैं |
| ९६ | मङ्गलादेवी | ॐ मङ्गलादेव्यै नमः। | Om Mangaladevyai Namah। | जो अत्यन्त शुभ हैं |
| ९७ | विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता | ॐ विष्णुवक्षस्स्थलस्थितायै नमः। | Om Vishnuvakshassthalasthitayai Namah। | जो भगवान श्री हरि विष्णु के हृदय में निवास करती हैं |
| ९८ | विष्णुपत्नी | ॐ विष्णुपत्न्यै नमः। | Om Vishnupatnyai Namah। | जो भगवान विष्णु की धर्मपत्नी हैं |
| ९९ | प्रसन्नाक्षी | ॐ प्रसन्नाक्ष्यै नमः। | Om Prasannakshyai Namah। | जिनकी दृष्टि प्रसन्नता से परिपूर्ण है |
| १०० | नारायणसमाश्रिता | ॐ नारायणसमाश्रितायै नमः। | Om Narayanasamashritayai Namah। | भगवान नारायण जिनके आश्रय हैं |
| १०१ | दारिद्र्यध्वंसिनी | ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः। | Om Daridryadhvamsinyai Namah। | जो दुख-दारिद्र्य को नष्ट कर देती हैं |
| १०२ | देवी | ॐ देव्यै नमः। | Om Devyai Namah। | जो सर्वशक्तिशाली हैं |
| १०३ | सर्वोपद्रववारिणी | ॐ सर्वोपद्रववारिण्यै नमः। | Om Sarvopadravavarinyai Namah। | जो समस्त प्रकार के उपद्रवों को शान्त करती हैं |
| १०४ | नवदुर्गा | ॐ नवदुर्गायै नमः। | Om Navadurgayai Namah। | जो नवदुर्गा के नौ रूपों में स्थित हैं |
| १०५ | महाकाली | ॐ महाकाल्यै नमः। | Om Mahakalyai Namah। | जो स्वयं महाकाली-स्वरूपा हैं |
| १०६ | ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका | ॐ ब्रह्माविष्णुशिवात्मिकायै नमः। | Om Brahmavishnushivatmikayai Namah। | जो त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की प्रिय हैं |
| १०७ | त्रिकालज्ञानसम्पन्ना | ॐ त्रिकालज्ञानसम्पन्नायै नमः। | Om Trikalajnanasampannayai Namah। | जिन्हें तीनों कालों (भूत, भविष्य, वर्तमान) का ज्ञान है |
| १०८ | भुवनेश्वरी | ॐ भुवनेश्वर्यै नमः। | Om Bhuvaneshvaryai Namah। | जो 14 भुवनों की स्वामिनी हैं |
॥ इति श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥
निष्कर्ष (Conclusion)
लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप केवल धन प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक शुद्धि, सकारात्मकता और दिव्यता का प्रतीक है।
जब व्यक्ति श्रद्धा, संयम और निष्ठा से माता लक्ष्मी का स्मरण करता है, तो उसके जीवन में न केवल भौतिक सुख बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक आनंद भी प्राप्त होता है।
🙏 “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” 🙏
प्रसिद्ध “देवी लक्ष्मी की अष्टोत्तर शतनामावली” – वीडियो :
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🪔 जय माँ लक्ष्मी!
very good information…..Jai Maa Lakshmi