श्री गणेश आरती – Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics
भगवान गणेश की आरती का महत्व: समृद्धि, बुद्धि और बाधाओं का नाश
भगवान गणेश, जिन्हें प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, की आरती “जय गणेश जय गणेश देवा” का नियमित गायन करने से बुद्धि का विकास होता है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह आरती भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक मानी जाती है और जीवन में आने वाली सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करती है।
गणेश जी क्यों हैं प्रथम पूज्य?
भगवान गणेश को सभी शुभ कार्यों में सर्वप्रथम पूजा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी मंगल कार्य से पहले गणेश जी की आराधना करने से सभी विघ्न स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। इसलिए, किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, हवन, विवाह या अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत गणपति वंदना से की जाती है।
भगवान गणेश की आरती और पूजा के लाभ
- विघ्न नाशक: भगवान गणेश सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करते हैं और शुभता प्रदान करते हैं।
- बुद्धि और ज्ञान का विकास: गणपति बप्पा को विद्या, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- सभी कष्टों का समाधान: बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा और आरती करने से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं।
- व्रत एवं पूजा का संपूर्ण फल: इस आरती के माध्यम से व्रत और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है, जिससे भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।
गणेश पूजा का सही तरीका
गणेश जी की आरती सुबह और शाम की जाती है। आरती के समय दीपक जलाना, मोदक या लड्डू का भोग लगाना और गणेश मंत्रों का जाप करना विशेष लाभकारी माना जाता है।
निष्कर्ष
भगवान गणेश की आरती करने से जीवन में सफलता, सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। यदि आप अपने जीवन से सभी संकटों को दूर करना चाहते हैं और निरंतर भगवान गणेश की कृपा पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से गणपति जी की आरती करें।
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जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
प्रसिद्ध गणेश आरती – “जय गणेश जय गणेश देवा” वीडियो :
- अनुराधा पौडवाल