विष्णु के 108 नामों का महत्व
भगवान विष्णु, जो हिंदू धर्म में संरक्षक और पालक के रूप में पूजे जाते हैं, उनके 108 नामों का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इन्हें “विष्णु अष्टोत्तरशत नामावली” कहा जाता है। ये नाम उनके अनंत गुणों, शक्तियों और दिव्य स्वरूप को दर्शाते हैं। इन नामों का जाप भक्तों को शांति, समृद्धि और मोक्ष की ओर ले जाता है। नीचे इनके महत्व को विस्तार से समझाया गया है:
- दिव्य गुणों का प्रतीक:
विष्णु के 108 नाम उनके विभिन्न गुणों जैसे दया, करुणा, शक्ति, और विश्व रक्षा को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, “नारायण” (सर्व का आधार) उनकी सर्वव्यापकता को दर्शाता है, जबकि “कृष्ण” (सर्व आकर्षक) उनके प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक है। - संख्या 108 की पवित्रता:
हिंदू धर्म में 108 एक पवित्र संख्या मानी जाती है। इसका महत्व कई स्तरों पर है:- यह सृष्टि की एकता (1), शून्यता (0), और अनंतता (8) का प्रतीक है।
- ज्योतिष में 12 राशियाँ और 9 ग्रहों का गुणनफल (12 × 9 = 108) इसे विशेष बनाता है।
- योग में 108 नाड़ियों का उल्लेख है, जो शरीर के ऊर्जा केंद्रों को जोड़ती हैं।
- आध्यात्मिक शक्ति और भक्ति:
इन नामों का जाप करने से मन शांत होता है और भक्त ईश्वर के करीब आता है। प्रत्येक नाम एक मंत्र की तरह कार्य करता है, जो विष्णु की शक्ति को जागृत करता है। “ॐ नमो नारायणाय” मूल मंत्र है, और इसी तरह प्रत्येक नाम के साथ “ॐ” और “नमः” जोड़कर जाप करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है। - पापों से मुक्ति और संरक्षण:
विष्णु को विश्व का पालक कहा जाता है। उनके 108 नामों का पाठ करने से भक्त अपने पापों से मुक्त होते हैं और जीवन में सुरक्षा प्राप्त करते हैं। “हरि” नाम का जाप विशेष रूप से संकटों से रक्षा करने के लिए प्रसिद्ध है। - सर्वकल्याणकारी प्रभाव:
इन नामों का नियमित जाप करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ भौतिक जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह भक्तों को जीवन के कष्टों से उबारता है और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। - सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा:
विष्णु के 108 नामों का उल्लेख विष्णु पुराण, पद्म पुराण और अन्य ग्रंथों में मिलता है। यह प्राचीन परंपरा वैष्णव भक्तों के बीच लोकप्रिय है। विशेष रूप से एकादशी, वैकुंठ एकादशी, और गुरुवार के दिन इन नामों का जाप किया जाता है। - मोक्ष का मार्ग:
विष्णु के नामों का जाप भक्तों को भौतिक बंधनों से मुक्त करने और मोक्ष की ओर ले जाने में सहायक है। यह आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। “माधव” और “वासुदेव” जैसे नाम उनके सर्वोच्च स्वरूप को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष:
विष्णु के 108 नाम केवल शब्द नहीं, बल्कि उनकी अनंत शक्ति और कृपा के प्रतीक हैं। इनका जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से भक्त अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं और विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसा आध्यात्मिक अभ्यास है जो जीवन को प्रकाश और शांति से भर देता है।
यहाँ विष्णु जी के 108 नाम और उनके मंत्रों की सूची प्रस्तुत है।
108 Names of Lord Vishnu – Vishnu Ashtottara Shatnamavali
क्रमांक | नाम (संस्कृत) | मंत्र | Mantra in English | अर्थ |
१ | विष्णु | ॐ विष्णवे नमः। | Om Vishnave Namah। | जो परम परमेश्वर हैं |
२ | लक्ष्मीपति | ॐ लक्ष्मीपतये नमः। | Om Lakshmipataye Namah। | जो देवी लक्ष्मी के पति हैं |
३ | कृष्ण | ॐ कृष्णाय नमः। | Om Krishnaya Namah। | जो श्याम वर्ण से युक्त हैं |
४ | वैकुण्ठ | ॐ वैकुण्ठाय नमः। | Om Vaikunthaya Namah। | जो वैकुण्ठ में निवास करने वाले हैं |
५ | गरुडध्वज | ॐ गरुडध्वजाय नमः। | Om Garudadhwajaya Namah। | जिनकी सवारी गरुड़ है |
६ | परब्रह्म | ॐ परब्रह्मणे नमः। | Om Parabrahmane Namah। | जो पराशक्ति परब्रह्म परमात्मा हैं |
७ | जगन्नाथ | ॐ जगन्नाथाय नमः। | Om Jagannathaya Namah। | जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के भगवान हैं |
८ | वासुदेव | ॐ वासुदेवाय नमः। | Om Vasudevaya Namah। | जो सबमें वास करने वाले हैं |
९ | त्रिविक्रम | ॐ त्रिविक्रमाय नमः। | Om Trivikramaya Namah। | जो तीनों लोकों को जीतने वाले हैं |
१० | दैत्यान्तक | ॐ दैत्यान्तकाय नमः। | Om Daityantakaya Namah। | जो पापियों का नाश करने वाले हैं |
११ | मधुरिपु | ॐ मधुरिपवे नमः। | Om Madhuripave Namah। | जो मधु नामक राक्षस का विनाश करने वाले हैं |
१२ | तार्क्ष्यवाहन | ॐ तार्क्ष्यवाहनाय नमः। | Om Tarkshyavahanaya Namah। | तार्क्ष्य अर्थात् गरुड़ जिनकी सवारी है |
१३ | सनातन | ॐ सनातनाय नमः। | Om Sanatanaya Namah। | जो शाश्वत प्रभु हैं |
१४ | नारायण | ॐ नारायणाय नमः। | Om Narayanaya Namah। | जो सभी के आश्रय हैं |
१५ | पद्मनाभ | ॐ पद्मनाभाय नमः। | Om Padmanabhaya Namah। | जो कमल के आकार की नाभि वाले भगवान हैं |
१६ | हृषीकेश | ॐ हृषीकेशाय नमः। | Om Hrishikeshaya Namah। | जो सभी इंद्रियों के स्वामी हैं |
१७ | सुधाप्रद | ॐ सुधाप्रदाय नमः। | Om Sudhapradaya Namah। | जो अमृत प्रदान करने वाले हैं |
१८ | माधव | ॐ माधवाय नमः। | Om Madhavaya Namah। | जो ज्ञान के भण्डार हैं |
१९ | पुण्डरीकाक्ष | ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः। | Om Pundarikakshaya Namah। | जो कमल के समान नेत्र वाले हैं |
२० | स्थितिकर्ता | ॐ स्थितिकर्त्रे नमः। | Om Sthitikarta Namah। | जो जगत की स्थिति सुनिश्चित करते हैं |
२१ | परात्पर | ॐ परात्पराय नमः। | Om Paratparaya Namah। | जो पराशक्ति परब्रह्म परमात्मा हैं |
२२ | वनमाली | ॐ वनमालिने नमः। | Om Vanamaline Namah। | जो वनपुष्पों की मालाओं को धारण करते हैं |
२३ | यज्ञरूप | ॐ यज्ञरूपाय नमः। | Om Yajnarupaya Namah। | जो यज्ञरूपी भगवान हैं |
२४ | चक्रपाणि | ॐ चक्रपाणये नमः। | Om Chakrapanaye Namah। | जो सुदर्शन चक्रधारी हैं |
२५ | गदाधर | ॐ गदाधराय नमः। | Om Gadadharaya Namah। | जो गदाधारी हैं |
२६ | उपेन्द्र | ॐ उपेन्द्राय नमः। | Om Upendraya Namah। | जो इन्द्र के भ्राता हैं |
२७ | केशव | ॐ केशवाय नमः। | Om Keshavaya Namah। | जो सुन्दर बालों वाले अथवा केशी का वध करने वाले हैं |
२८ | हंस | ॐ हंसाय नमः। | Om Hamsaya Namah। | हंस जिनकी सवारी है |
२९ | समुद्रमथन | ॐ समुद्रमथनाय नमः। | Om Samudramathanaya Namah। | जो समुद्र का मन्थन करने वाले हैं |
३० | हरि | ॐ हरये नमः। | Om Haraye Namah। | जो प्रकृति के स्वामी हैं |
३१ | गोविन्द | ॐ गोविन्दाय नमः। | Om Govindaya Namah। | जो गायों और प्रकृति को प्रसन्न करते हैं |
३२ | ब्रह्मजनक | ॐ ब्रह्मजनकाय नमः। | Om Brahmajanakaya Namah। | जिन्होंने भगवान ब्रह्मा को उत्पन्न किया |
३३ | कैटभासुरमर्दन | ॐ कैटभासुरमर्दनाय नमः। | Om Kaitabhasuramardanaya Namah। | जिन्होंने कैटभ नामक असुर का वध किया |
३४ | श्रीधर | ॐ श्रीधराय नमः। | Om Shridharaya Namah। | जिनके पास देवी लक्ष्मी हैं |
३५ | कामजनक | ॐ कामजनकाय नमः। | Om Kamajanakaya Namah। | जो इच्छाओं को पूरा करने वाले हैं |
३६ | शेषशायी | ॐ शेषशायिने नमः। | Om Sheshashayine Namah। | जो शेषनाग पर विश्राम करने वाले हैं |
३७ | चतुर्भुज | ॐ चतुर्भुजाय नमः। | Om Chaturbhujaya Namah। | जो चार भुजाओं वाले हैं |
३८ | पाञ्चजन्यधर | ॐ पाञ्चजन्यधराय नमः। | Om Panchajanyadharaya Namah। | जिनके पास पाञ्चजन्य नामक शङ्ख हैं |
३९ | श्रीमान् | ॐ श्रीमते नमः। | Om Shrimate Namah। | जिनके पास श्री अर्थात् लक्ष्मी जी हैं |
४० | शार्ङ्गपाणि | ॐ शार्ङ्गपाणये नमः। | Om Sharngapanaye Namah। | जो धनुष धारण करने वाले हैं |
४१ | जनार्दन | ॐ जनार्दनाय नमः। | Om Janardanaya Namah। | जो दयापूर्वक दूसरों की सहायता करने वाले हैं |
४२ | पीताम्बरधर | ॐ पीताम्बरधराय नमः। | Om Pitambaradharaya Namah। | जो पीले वस्त्र धारण करते हैं |
४३ | देव | ॐ देवाय नमः। | Om Devaya Namah। | जो हम सभी के आराध्य देव हैं |
४४ | सूर्यचन्द्रविलोचन | ॐ सूर्यचन्द्रविलोचनाय नमः। | Om Suryachandravilochanaya Namah। | जिनकी आँखें सूर्य एवं चन्द्र के समान हैं |
४५ | मत्स्यरूप | ॐ मत्स्यरूपाय नमः। | Om Matsyarupaya Namah। | भगवान मत्स्य जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
४६ | कूर्मतनु | ॐ कूर्मतनवे नमः। | Om Kurmatanave Namah। | भगवान कूर्म जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
४७ | क्रोडरूप | ॐ क्रोडरूपाय नमः। | Om Krodarupaya Namah। | भगवान वराह जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
४८ | नृकेसरि | ॐ नृकेसरिणे नमः। | Om Nrikesarine Namah। | भगवान नरसिंह जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
४९ | वामन | ॐ वामनाय नमः। | Om Vamanaya Namah। | भगवान वामन जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
५० | भार्गव | ॐ भार्गवाय नमः। | Om Bhargavaya Namah। | भगवान परशुराम जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
५१ | राम | ॐ रामाय नमः। | Om Ramaya Namah। | भगवान राम जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
५२ | बली | ॐ बलिने नमः। | Om Baline Namah। | जो अत्यन्त शक्तिशाली हैं |
५३ | कल्कि | ॐ कल्किने नमः। | Om Kalkine Namah। | भगवान कल्कि जो कलियुग के अन्त में भगवान विष्णु के अवतार होंगे |
५४ | हयानन | ॐ हयाननाय नमः। | Om Hayananaya Namah। | भगवान हयग्रीव जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
५५ | विश्वम्भर | ॐ विश्वम्भराय नमः। | Om Vishwambharaya Namah। | जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के पालनहार हैं |
५६ | शिशुमार | ॐ शिशुमाराय नमः। | Om Shishumaraya Namah। | शिशुमार जो भगवान विष्णु का एक स्वरूप है |
५७ | श्रीकर | ॐ श्रीकराय नमः। | Om Shrikaraya Namah। | जो अपने भक्तों को भौतिक सुख और आध्यात्मिकता प्रदान करते है |
५८ | कपिल | ॐ कपिलाय नमः। | Om Kapilaya Namah। | जो महान ऋषि कपिल हैं |
५९ | ध्रुव | ॐ ध्रुवाय नमः। | Om Dhruvaya Namah। | जो अपरिवर्तनशील हैं |
६० | दत्तत्रेय | ॐ दत्तत्रेयाय नमः। | Om Dattatreyaya Namah। | जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के शिक्षक हैं |
६१ | अच्युत | ॐ अच्युताय नमः। | Om Achyutaya Namah। | जिनके सामर्थ्य का कोई अन्त नहीं है |
६२ | अनन्त | ॐ अनन्ताय नमः। | Om Anantaya Namah। | जिनका कोई अन्त नहीं है |
६३ | मुकुन्द | ॐ मुकुन्दाय नमः। | Om Mukundaya Namah। | जो मुक्ति प्रदान करने वाले हैं |
६४ | दधिवामन | ॐ दधिवामनाय नमः। | Om Dadhivamanaya Namah। | दधिवामन जो भगवान विष्णु के स्वरूप हैं |
६५ | धन्वन्तरि | ॐ धन्वन्तरये नमः। | Om Dhanvantaraye Namah। | जो समुद्र मंथन के बाद भगवान विष्णु के आंशिक अवतार के रूप मे प्रकट हुये |
६६ | श्रीनिवास | ॐ श्रीनिवासाय नमः। | Om Shrinivasaya Namah। | जो देवी लक्ष्मी के स्थायी निवास हैं |
६७ | प्रद्युम्न | ॐ प्रद्युम्नाय नमः। | Om Pradyumnaya Namah। | प्रद्युम्न जो प्रेम के देवता हैं तथा भगवान विष्णु के ही स्वरूप हैं |
६८ | पुरुषोत्तम | ॐ पुरुषोत्तमाय नमः। | Om Purushottamaya Namah। | जो सर्वोत्तम पुरुष हैं |
६९ | श्रीवत्सकौस्तुभधर | ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः। | Om Shrivatsakaustubhadharaya Namah। | जो श्रीवत्स चिह्न और कौस्तुभ मणि धारण करने वाले हैं |
७० | मुराराति | ॐ मुरारातये नमः। | Om Murarataye Namah। | जो मुरा अथवा राक्षसों के विध्वंसक हैं |
७१ | अधोक्षज | ॐ अधोक्षजाय नमः। | Om Adhokshajaya Namah। | जो इन्द्रियों से प्राप्त होने वाले ज्ञान से परे हैं |
७२ | ऋषभ | ॐ ऋषभाय नमः। | Om Rishabhaya Namah। | भगवान ऋषभ जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
७३ | मोहिनीरूपधारी | ॐ मोहिनीरूपधारिणे नमः। | Om Mohinirupadharine Namah। | जिन्होंने मोहिनी रूप में अवतार लिया |
७४ | सङ्कर्षण | ॐ सङ्कर्षणाय नमः। | Om Sankarshanaya Namah। | भगवान बलराम जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
७५ | पृथु | ॐ पृथवे नमः। | Om Prithave Namah। | राजा पृथु जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
७६ | क्षीराब्धिशायी | ॐ क्षीराब्धिशायिने नमः। | Om Kshirabdhishayine Namah। | जो क्षीरसागर में शयन करते हैं |
७७ | भूतात्मा | ॐ भूतात्मने नमः। | Om Bhutatmane Namah। | जो सभी प्राणियों के आत्मा हैं |
७८ | अनिरुद्ध | ॐ अनिरुद्धाय नमः। | Om Aniruddhaya Namah। | जो अजेय, निर्विरोध, अनियन्त्रित और बिना बाधाओं वाले हैं |
७९ | भक्तवत्सल | ॐ भक्तवत्सलाय नमः। | Om Bhaktavatsalaya Namah। | जो अपने भक्तों से अगाध प्रेम रखते हैं |
८० | नर | ॐ नराय नमः। | Om Naraya Namah। | जो पथप्रदर्शक हैं |
८१ | गजेन्द्रवरद | ॐ गजेन्द्रवरदाय नमः। | Om Gajendravaradaya Namah। | जिन्होंने गजेन्द्र को आशीर्वाद दिया |
८२ | त्रिधाम | ॐ त्रिधाम्ने नमः। | Om Tridhamne Namah। | जो तीनों लोकों में विद्यमान हैं |
८३ | भूतभावन | ॐ भूतभावनाय नमः। | Om Bhutabhavanaya Namah। | जो पृथ्वी आदि भूतों के उत्पत्ति तथा वृद्धि कर्ता हैं |
८४ | श्वेतद्वीपसुवास्तव्य | ॐ श्वेतद्वीपसुवास्तव्याय नमः। | Om Shwetadwipasuvastavyaya Namah। | जो श्वेतद्वीप में निवास करते हैं |
८५ | सनकादिमुनिध्येय | ॐ सनकादिमुनिध्येयाय नमः। | Om Sankadimunidhyeyaya Namah। | जो सनकादि मुनियों के द्वारा भी ध्येय हैं |
८६ | भगवान् | ॐ भगवते नमः। | Om Bhagavate Namah। | जो परम पिता परमेश्वर हैं |
८७ | शङ्करप्रिय | ॐ शङ्करप्रियाय नमः। | Om Shankarapriyaya Namah। | जो भगवान शङ्कर को प्रिय हैं |
८८ | नीलकान्त | ॐ नीलकान्ताय नमः। | Om Nilakantaya Namah। | जो नील वर्ण की आभा वाले हैं |
८९ | धराकान्त | ॐ धराकान्ताय नमः। | Om Dharakantaya Namah। | जो पृथ्वी का पालन पोषण करते हैं |
९० | वेदात्मा | ॐ वेदात्मने नमः। | Om Vedatmane Namah। | जो स्वयं वेदस्वरूप हैं |
९१ | बादरायण | ॐ बादरायणाय नमः। | Om Badarayanaya Namah। | श्री वेदव्यास जी जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
९२ | भागीरथीजन्मभूमिपादपद्म | ॐ भागीरथीजन्मभूमिपादपद्माय नमः। | Om Bhagirathijanmabhumipadapadmaya Namah। | जिनके चरणों से गंगा की उत्पत्ति हुयी |
९३ | सतां प्रभु | ॐ सतां प्रभवे नमः। | Om Satam Prabhave Namah। | जो सज्जनों के स्वामी हैं |
९४ | स्वभु | ॐ स्वभुवे नमः। | Om Swabhuve Namah। | जो स्वयं उत्पन्न हैं तथा संसार का पालन करते हैं |
९५ | विभु | ॐ विभवे नमः। | Om Vibhave Namah। | जो सर्वत्र व्याप्त हैं |
९६ | घनश्याम | ॐ घनश्यामाय नमः। | Om Ghanashyamaya Namah। | भगवान कृष्ण जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
९७ | जगत्कारण | ॐ जगत्कारणाय नमः। | Om Jagatkaranaya Namah। | जो सम्पूर्ण जगत के कारणस्वरूप हैं |
९८ | अव्यय | ॐ अव्ययाय नमः। | Om Avyayaya Namah। | जो अजेय और अविनाशी परमात्मा हैं |
९९ | बुद्धावतार | ॐ बुद्धावताराय नमः। | Om Buddhavataraya Namah। | भगवान बुद्ध जो भगवान विष्णु के अवतार हैं |
१०० | शान्तात्मा | ॐ शान्तात्मने नमः। | Om Shantatmane Namah। | जो अत्यन्त शान्त और निर्मल हैं |
१०१ | लीलामानुषविग्रह | ॐ लीलामानुषविग्रहाय नमः। | Om Lilamanushavigrahaya Namah। | जो मनुष्य के रूप में अवतार लेकर लीला करते हैं |
१०२ | दामोदर | ॐ दामोदराय नमः। | Om Damodaraya Namah। | भगवान कृष्ण जिन्हें माता यशोदा ओखल से बाँध नहीं पायी थीं |
१०३ | विराड्रूप | ॐ विराड्रूपाय नमः। | Om Viradrupaya Namah। | भगवान कृष्ण जिन्होंने विराट रूप का दर्शन दिया |
१०४ | भूतभव्यभवत्प्रभु | ॐ भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः। | Om Bhutabhavyabhavatprabhave Namah। | जो भूत, भविष्य और वर्तमान सभी में व्याप्त हैं |
१०५ | आदिदेव | ॐ आदिदेवाय नमः। | Om Adidevaya Namah। | जो देवों में आदि देव हैं |
१०६ | देवदेव | ॐ देवदेवाय नमः। | Om Devadevaya Namah। | जो देवों के देव हैं |
१०७ | प्रह्लादपरिपालक | ॐ प्रह्लादपरिपालकाय नमः। | Om Prahladaparipalakaya Namah। | जिन्होंने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की |
१०८ | श्रीमहाविष्णु | ॐ श्रीमहाविष्णवे नमः। | Om Shrimahavishnave Namah। | जो श्री महाविष्णु हैं |
॥ इति श्रीविष्णु-अष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥